
रायबरेली। विद्यालयों में बेहतर कार्य करने के कारण राष्ट्रीय व राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा कि शिक्षकों की समस्याओं के निस्तारण हेतु मुख्यमंत्री का रुख हमेशा उदार रहा है। पुरस्कृत शिक्षकों ने छह बिंदुओं में अपनी मांगें रखते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत राष्ट्रीय/राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को भी माध्यमिक शिक्षकों की भांति 65 वर्ष तक सेवा विस्तार प्रदान करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक शासनादेश जारी नहीं हुआ है। इसके कारण बेसिक शिक्षक 64 वर्ष में ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष डॉ. शांति अकेला ने मांग की कि शासनादेश जारी कर पुरस्कृत बेसिक शिक्षकों को 65 वर्ष की आयु तक सेवा का अवसर प्रदान किया जाए। संघ की जिला महामंत्री डॉ. साधना शर्मा ने कहा कि अधिकांश पुरस्कृत बेसिक शिक्षक अब सेवानिवृत्त और वृद्ध हो चुके हैं। राजधानी लखनऊ में विभागीय कार्यों के लिए कोई भवन या कार्यालय नहीं है। उन्होंने मांग की कि पुरस्कृत शिक्षक वेलफेयर सोसाइटी उत्तर प्रदेश (रजिस्टर्ड) को लखनऊ में भवन या कार्यालय आवंटित किया जाए। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि सेवाकाल में प्रोत्साहन भत्ते के रूप में एक अग्रिम वेतनवृद्धि के बराबर धनराशि दी जाती है, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद यह बंद हो जाती है। शिक्षकों ने इस प्रोत्साहन भत्ते को जीवन पर्यन्त जारी रखने की मांग की। शिवशरण सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय पर्वों, जनपद व ग्रामीण क्षेत्रों की समितियों में पुरस्कृत शिक्षकों को आमंत्रित कर सलाहकार बनाया जाए। साथ ही पदोन्नति में उन्हें वरीयता दी जाए और उनके निधन पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जाए। इस अवसर पर संरक्षक लक्ष्मीकांत शुक्ला, कोषाध्यक्ष डॉ. नीलिमा श्रीवास्तव, श्रीराम यादव, ठाकुर सिंह, तारा श्रीवास्तव, अनीशा तनवीर सहित कई शिक्षक उपस्थित रहे।