विश्व बंधु शास्त्री: बागपत। उत्तर प्रदेश में बागपत से गुजरने वाली यमुना नदी के जलस्तर में हाल के दिनों में लगातार वृद्धि होने के कारण जिले के जागौस एवं शब्गा गांवों में व्यापक स्तर पर खेत कटान और फसलों को नुकसान पहुंचा है। प्राकृतिक आपदा की स्थिति उत्पन्न होने से ग्रामीण किसान गंभीर परेशानी का सामना कर रहे हैं। क्षेत्रीय राजस्व टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण कर प्रभावित व्यक्तियों की सूची तैयार की है, जिससे राहत व मुआवजा कार्य में तेजी लाई जा सके। बड़ौत तहसील क्षेत्र में एसडीएम भावना सिंह एवं तहसीलदार श्वेताभ सिंह लगातार भ्रमणशील है एवं प्रत्येक अपडेट पर अधिकारियों द्वारा निगरानी रखी जा रही है।
सर्वे के अनुसार, जागौस गांव से कुल 38 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें क्षतिग्रस्त क्षेत्रफल कुल 11.724 हेक्टेयर दर्ज किया गया है। वहीं, शब्गा गांव से कुल 42 आवेदन प्राप्त हुए, जिनका कुल क्षतिग्रस्त क्षेत्रफल 2.1493 हेक्टेयर है। वर्तमान में राहत पोर्टल पर कुल 80 प्रविष्टियां दर्ज की जा चुकी हैं, जिनका अनुमानित क्षेत्रफल 13.917 हेक्टेयर बताया गया है। यह आंकड़े प्रभावित किसानों की व्यथा को स्पष्ट रूप से उजागर करते हैं।
क्षति रोकने एवं राहत कार्य में क्षेत्रीय राजस्व एक तथा सिंचाई विभाग की टीमें सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। विभाग द्वारा रेत की बोरियों एवं बल्ली की मदद से अस्थाई ठोकर बनाकर नदी के कटान को रोकने का यथासंभव प्रयास किया जा रहा है। इन ठोकरों का निर्माण उन क्षेत्रों में किया जा रहा है जहाँ कटान अधिक गहराई से फसलों व खेतों को प्रभावित कर रहा है। इसके अतिरिक्त प्रभावित किसानों को आवश्यक राहत सामग्री एवं सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास भी लगातार जारी हैं।
जिलाधिकारी बागपत अस्मिता लाल द्वारा निर्देशित किया गया कि प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा राशि प्रदान की जाए। भविष्य में संभावित संकट से निपटने के लिए दीर्घकालीन ठोकर निर्माण व कटान नियंत्रण के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में विशेष निगरानी व्यवस्था लागू कर रखी है ताकि स्थिति पर निरंतर नियंत्रण रखा जा सके।
इस प्रकृतिक आपदा से निपटने के लिए सभी संबंधित विभाग पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं ताकि किसानों को शीघ्र राहत मिल सके और उनकी फसल व आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान बड़ौत एसडीएम भावना सिंह सहित राजस्व एवं सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि से खेतों में कटान व फसलें प्रभावित
