अमेठी। अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के छठवें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन प्रमोद आलोक इंटरमीडिएट कॉलेज, मंगलपुर के स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती एवं गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ, साथ ही कवि हौसिला प्रसाद त्रिपाठी ‘कुमार तरल’ की वाणी वंदना ने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। कवि सम्मेलन में देश के कई प्रख्यात कवि और साहित्यकार सम्मिलित हुए, जिनमें आंध्र विश्वविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. जे. विजया भारती, पूर्व आईएएस एवं बिहार के पूर्व गृह सचिव जियालाल आर्य, केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक प्रो. हेमराज मीणा, तथा मुंबई से छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार विजेता व्यंग्यकार राजेश विक्रांत प्रमुख अतिथि थे। अध्यक्ष डॉ. अर्जुन पाण्डेय ने स्वागत भाषण में कहा कि कला, संगीत और साहित्य एक-दूसरे से जुड़े हैं और साहित्य समाज का दर्पण है। उन्होंने अपनी मातृभाषा, संस्कृति और देश पर गर्व करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, जियालाल आर्य ने कहा कि भाषा देश की आत्मा होती है जो लोगों को जोड़ती है। कार्यक्रम में कई कवियों ने अपनी प्रभावशाली कविताएं प्रस्तुत कीं, जिनमें से कुछ प्रमुख पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:
- प्रो. विजया भारती: “हिंदी केवल उत्तर की ही नहीं, संपूर्ण भारत की प्यारी भाषा है।”
- इंजी. सुनील वाजपेई: “वन जाने से पहले मैया, मुझको बुला लिया होता, क्या अपराध हुआ है मुझसे यह तो बता दिया होता।”
- सुधा कान्त मिश्र बेलाला: “बैठ न्याय के देवी आंखी पट्टी बांधे, इ जिंदगी पूरी जिंदगी नाच नचावै।”
- कवयित्री प्रतिभा पाण्डेय: “बहुत बड़े मत बनना, छोड़ेपन का मजा अनूठा है।”
- कवि शब्बीर अहमद सूरी: “इश्क मुश्किल है जहां में, पग सम्भल कर आज रखना।”
- डॉ. प्रिया ठाकुर: “मां के जितना इस दुनिया में मुझे कोई चाह नहीं सकता।”
- डॉ. अर्जुन पाण्डेय: “माया नगरी मां फंसा, दुनिया सबै संसार।”
- मनोज मिश्र ‘कप्तान’: “कबौ हांड़ा टोना लगे तो लाडले खातिर…”
- हरिनाथ शुक्ल हरि: “अवधी है लोक भषवन कै रानी सखी।”
इसके अलावा भी कई अन्य कवि और साहित्यकारों ने अपनी रस भरी कविताओं से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम में सैकड़ों साहित्य प्रेमी, छात्र-छात्राएं और स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे। प्रबंधक डॉ. देवमणि तिवारी ने सभी कवियों एवं साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। कवि सम्मेलन का सफल संचालन हौसिला प्रसाद तिवारी ‘कुमार तरल’ ने किया।