फिरोजाबाद: समाजवादी पार्टी कार्यालय पर छोटे लोहिया के नाम से प्रसिद्ध जनेश्वर मिश्र की 33वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सपा जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके जीवन, विचारों एवं राजनीतिक योगदान पर प्रकाश डाला।
शिवराज सिंह यादव ने कहा कि जनेश्वर मिश्र का जन्म वर्ष 1933 में बलिया जिले के एक साधारण गांव में हुआ था। वे छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गए थे और छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। अपने सिद्धांतों से कभी समझौता न करने वाले जनेश्वर मिश्र ने 1967 में फूलपुर लोकसभा सीट से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ पहला चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 1968 में विजयलक्ष्मी पंडित के संयुक्त राष्ट्र चुने जाने पर हुए उपचुनाव में केडी मालवीय को हराकर लोकसभा में पहुंचे।
साल 1977 में उन्होंने विश्वनाथ प्रताप सिंह को बड़े अंतर से हराकर एक बार फिर संसद में दस्तक दी। वे कई बार केंद्र सरकार में विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री भी रहे। समाजवादी विचारधारा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता के कारण उन्हें डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुयायी के रूप में ‘छोटे लोहिया’ की उपाधि दी गई। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं राजनीति में अपने मार्गदर्शक के रूप में जनेश्वर मिश्र का नाम लेते हैं।
इस अवसर पर रामवीर सिंह, रमेश चंद्र चंचल, रामप्रकाश यादव, अजीम भाई, संजय यादव, रामसेवक यादव, हरीशंकर यादव, डॉ. विजय आर्या, मुकेश चंद्र टीटू, योगेश गर्ग, डॉ. अजब सिंह यादव, सुमन देवी सविता, इंद्रवती यादव, डॉ. रूमा यादव, अनिता राजपूत, रघुराज सविता, राजू जर्रार अहमद, कमलेश यादव, राजकुमार राठौर, बंटू कठेरिया, जगमोहन यादव, उपेंद्र यादव, नीरज यादव सहित कई समाजवादी कार्यकर्ता एवं नेता उपस्थित रहे।
सपा कार्यालय पर मनाई गई छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की 33वीं जयंती
