रायबरेली। एनटीपीसी ऊंचाहार परियोजना की कुछ विद्युत इकाइयों के अस्थायी रूप से बंद होने के बाद बिजली आपूर्ति को लेकर उठ रही चिंताओं पर परियोजना के जनसम्पर्क अधिकारी ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि ग्रिड की मांग के अनुसार ही विद्युत इकाइयों का संचालन होता है, और वर्तमान में बिजली संकट जैसी कोई बात नहीं है। ज्ञात हो कि ऊंचाहार परियोजना में एक सप्ताह पूर्व 210 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली इकाई संख्या पांच को मरम्मत के लिए बंद किया गया था। मरम्मत का कार्य अभी चल ही रहा था कि शुक्रवार दोपहर 210 मेगावाट क्षमता की इकाई नंबर दो को भी प्रबंधन द्वारा बंद कर मरम्मत शुरू कर दी गई। इसके बाद रविवार सुबह 210 मेगावाट की तीसरी इकाई को भी बंद कर मरम्मत कार्य शुरू किया गया। इन इकाइयों के बंद होने से उत्तर प्रदेश समेत हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों को ग्रिड के माध्यम से होने वाली बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। हालांकि, एनटीपीसी ऊंचाहार परियोजना के जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि उत्तरी ग्रिड से बिजली की मांग में कमी और चालू इकाइयों को अस्थायी रूप से बंद करने के निर्देश के चलते यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही ग्रिड से बिजली की मांग आएगी, बंद इकाइयों को पुनः चालू कर दिया जाएगा। इस दौरान मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता से किया जा रहा है ताकि आवश्यकता पड़ने पर यूनिट्स को तत्परता से संचालन में लाया जा सके।
ऊंचाहार विद्युत इकाइयों के अस्थायी बंद होने पर एनटीपीसी का बयान: बिजली संकट जैसी कोई स्थिति नहीं
