कविता पंत से : नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे। उन्होंने विपक्ष के इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को चुनाव में हरा दिया।
उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी एवं राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी ने मतगणना के बाद चुनाव परिणाम की घोषणा की। सी पी राधाकृष्णन के पक्ष में 452 और जनार्दन रेड्डी के पक्ष में 300 मत पड़े। 15 मत अयोग्य पाये गये।
सवेरे मतदान शुरू हुआ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले मतदान किया। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अर्जुन राम मेघवाल और किरेन रिजिजू, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, भाजपा सांसद कंगना रनौत और सपा नेता राम गोपाल यादव सहित तमाम नेताओं ने मतदान किया।
उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग पहले से ही जीत को लेकर आश्वस्त थी। वहीं चुनाव से ठीक पहले वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने राजग उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन का समर्थन करने का ऐलान कर दिया था। इससे पहले पीयूष गोयल ने जगन मोहन से मुलाकात की थी। उनकी मुलाकात के बाद ही जगनमोहन ने यह फैसला किया। जगनमोहन के इस फैसले से राजग खेमे के 11 वोट सीधे बढ़ गईं। वाईएसआर कांग्रेस के पास लोकसभा में चार तो राज्यसभा में सात सांसद हैं।
बीजू जनता दल, भारत राष्ट्र समिति, शिरोमणि अकाली दल और एक निर्दलीय सांसद ने पहले ही मतदान में भाग नहीं लेने का ऐलान कर दिया था, जबकि राज्यसभा में भारत राष्ट्र समिति के 4 और बीजू जनता दल के 7 सांसद हैं। लोकसभा में अकेले सांसद शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब में बाढ़ के कारण वोट डालने से इनकार कर दिया। कुल 788 के संख्याबल में अगर खाली सीटों को हटाया जाए तो यह संख्या 781 रह गई थी।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति का पद जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है। धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।
इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से थे। राधाकृष्णन तमिलनाडु से जबकि बी. सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना से हैं। विभिन्न दलों द्वारा दिए गए समर्थन को आधार बनाकर आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राजग उम्मीदवार का पलड़ा पहले से ही भारी था। हालांकि विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी ने बार-बार यह कहकर अपनी दावेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया कि लड़ाई वैचारिक है तथा यह मतदान सिर्फ उप राष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं है, बल्कि भारत की भावना के लिए है।
राधाकृष्णन भाजपा के अनुभवी नेता हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं जबकि रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं। राधाकृष्णन ने लोकसभा में दो बार कोयंबटूर का प्रतिनिधित्व किया है जबकि रेड्डी ने शीर्ष कोर्ट में रहते कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिसमें काले धन के मामलों की जांच में सरकार की लापरवाही की आलोचना भी शामिल है।
उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से पहले सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल थे। उन्होंने यह पद 31 जुलाई 2024 को संभाला था। इससे पहले वह फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल रहे। मार्च से जुलाई 2024 के बीच उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला।
लंबे समय से भाजपा से जुड़े राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए थे। इसके अलावा वह भाजपा तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
सी पी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति
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