रायबरेली। जिले के एम्स अस्पताल में यूरोलॉजी विभाग की टीम ने एक बड़ी चिकित्सा सफलता हासिल की है। यहां सात वर्षीय बच्ची के दाहिने गुर्दे में मौजूद 16 मिमी की पथरी को मिनी पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (Mini Perc) तकनीक से सफलतापूर्वक निकाल दिया गया। यह ऑपरेशन अति सूक्ष्म तकनीक के जरिए किया गया, जिसमें सिर्फ एक सेंटीमीटर का चीरा लगाकर पूरी पथरी हटा दी गई। बच्ची को पिछले एक वर्ष से पेशाब में खून आना, तेज कमर दर्द और बुखार की शिकायत थी। कई अस्पतालों में इलाज के बावजूद उसे राहत नहीं मिली। अंततः परिजन उसे एम्स रायबरेली लेकर आए, जहां जांच के बाद दाहिने गुर्दे में 16 मिमी की पथरी पाई गई। इलाज कर रहे यूरोलॉजिस्ट डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि पहले चरण में बच्ची के लिए डीजे स्टेंट डाला गया, जिसके बाद 9 सितम्बर को सुप्राकोस्टल पंक्चर के माध्यम से ऑपरेशन किया गया। उन्होंने कहा कि बच्चों में यह तकनीक बेहद चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि उनके गुर्दे का आकार छोटा और रक्तवाहिनियों का घनत्व अधिक होता है। छोटी सी चूक से गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। फिर भी यूरोलॉजी टीम ने अत्यंत सावधानी से सिर्फ 1 सेंटीमीटर का चीरा लगाकर पूरी पथरी निकाल दी। विशेष बात यह रही कि इस तकनीक से भविष्य में ऑपरेशन का कोई निशान भी शरीर पर नहीं रहेगा। इस सफल ऑपरेशन में डॉ. अमित मिश्रा के नेतृत्व में रेजिडेंट डॉक्टर अशेष्ता शर्मा और डॉ. उत्सव शामिल रहे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. कालीचरण, डॉ. प्रवीन, डॉ. हर्षिता और डॉ. अपेक्षा ने सहयोग किया। वहीं ओटी नर्सिंग स्टाफ और तकनीशियन टीम में श्री जयपाल, सुश्री बीना और सुश्री लक्ष्मी एस शामिल रहीं। बच्ची की ऑपरेशन से पूर्व और पश्चात देखभाल में यूरोलॉजी वार्ड की वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी नम्रता, सुमंत, एकता और अन्य नर्सिंग अधिकारी — निधि, अनामिका, सपना, आमिशा, वंशिता, नलेश, चेतना, आरती, विमला और शिवानी — का विशेष योगदान रहा। बच्ची के परिजनों ने कहा, “एम्स रायबरेली की टीम ने हमारी बच्ची का इतना जटिल ऑपरेशन अत्यंत सहजता से कर दिया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है और बिना किसी दर्द के अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू कर सकेगी।” अपर चिकित्सा अधीक्षक नीरज श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि बच्ची ऑपरेशन के बाद पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। एम्स रायबरेली ने इस उपलब्धि का श्रेय संस्थान की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता (सेवानिवृत्त) को दिया, जिनके मार्गदर्शन में अस्पताल मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध करा रहा है।
7 साल की बच्ची की किडनी से 16 मिमी पथरी का सफल ऑपरेशन
