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बागपत जिलाधिकारी ने शुरू की ‘हर मौसम, हर घर – एक पक्षी घर’ मुहिम

विश्व बंधु शास्त्री | बागपत
जहां एक ओर बदलते मौसम इंसानों के लिए कभी राहत तो कभी चुनौती लेकर आते हैं, वहीं पक्षियों के लिए यह समय और भी कठिन होता है। कभी बारिश, कभी तेज धूप, तो कभी सर्द हवाएं… यह सभी मौसम उनके लिए सुरक्षित आश्रय की कमी को उजागर करते हैं। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने एक नवाचारपूर्ण और संवेदनशील अभियान की शुरुआत की है… “हर मौसम, हर घर- एक पक्षी घर”।
इस पहल का उद्देश्य है कि हर नागरिक अपने घर, आंगन, छत या बगीचे में एक पक्षी घर स्थापित करे, ताकि पक्षियों को साल भर एक सुरक्षित आश्रय मिल सके। इससे न केवल पक्षियों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि इंसान और प्रकृति के बीच एक गहरा और करुणामय रिश्ता भी स्थापित होगा।
हर मौसम के लिए पक्षी घर क्यों ज़रूरी हैं ?
– मानसून में: लगातार बारिश और तेज़ हवाओं से पक्षियों के घोंसले नष्ट हो जाते हैं, अंडे और नन्हे चूजे संकट में आ जाते हैं।
– गर्मी में: तेज़ धूप और गर्म हवाएं उन्हें जल स्रोत और छांव से वंचित कर देती हैं।
– सर्दियों में: कम तापमान और ठंडी हवाएं उनके लिए जीवन संकट बन जाती हैं।
ऐसे में एक छोटा-सा पक्षी घर, हर मौसम में उन्हें सुरक्षा, आराम और स्थायित्व देता है।
जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कहा कि प्रकृति और पशु-पक्षियों की रक्षा करना केवल दया नहीं, बल्कि हमारा संविधानिक कर्तव्य भी है। यदि हर घर में एक पक्षी घर हो तो हम हजारों पक्षियों को सुरक्षित जीवन देने के साथ साथ आने वाली पीढ़ियों को भी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का संदेश दे सकते हैं।
पक्षी घर लगाने से अनेक लाभ मिलते हैं। ये न केवल पर्यावरण को संतुलित करते हैं, बल्कि हमारे जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाते हैं। सबसे पहले, पक्षी प्राकृतिक कीट नियंत्रण में सहायक होते हैं। वे पौधों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े और लार्वा खाते हैं। इस प्रकार, खेतों और बगीचों में रसायनों के उपयोग की आवश्यकता कम हो जाती है। कुछ पक्षी परागण और बीज फैलाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे जैव विविधता बढ़ती है और पौधों का प्राकृतिक चक्र सुचारु रहता है।
पक्षियों की उपस्थिति हरियाली और जीवन्तता बनाए रखती है। खेतों और बगीचों में उनका आना-जाना प्राकृतिक संतुलन को मजबूत करता है। इसके साथ ही, पक्षियों की चहचहाहट मानसिक शांति प्रदान करती है। उनका मधुर स्वर तनाव और थकान को कम करने में सहायक होता है। बच्चों के लिए पक्षी घर प्रकृति से जुड़ने और जीवों को समझने का एक सुंदर अवसर प्रदान करते हैं। इससे उनमें संवेदनशीलता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है।
जानिए कैसे बनाएं पक्षी घर?
– लकड़ी, प्लास्टिक की बोतल, या मिट्टी के बर्तन जैसे सुलभ साधनों से इसे आसानी से तैयार किया जा सकता है।
– छत, दीवार या पेड़ पर इसे सुरक्षित और ऊँचाई पर टांगा जा सकता है।
– छेद का आकार स्थानीय पक्षियों के अनुकूल हो।
– पानी और दाने की व्यवस्था हो तो पक्षी बार-बार लौटेंगे और इसे अपना स्थायी निवास बना लेंगे।
हर घर में पक्षी घर बनेगा जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का प्रतीक
यह मुहिम सिर्फ एक पर्यावरणीय पहल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है। जिलाधिकारी ने आह्वान किया है कि हर घर में एक पक्षी घर केवल आश्रय नहीं, बल्कि हमारी करुणा, जागरूकता और जिम्मेदारी का प्रतीक होना चाहिए। यह छोटा-सा कदम, हजारों जिंदगियों को संवार सकता है।
यदि हर नागरिक एक पक्षी घर लगाए, तो यह अभियान एक जनांदोलन बन सकता है। ऐसा आंदोलन जो चहचहाहट से भरा हो, जो आने वाली पीढ़ियों को यह सिखा सके कि प्रकृति के साथ रहना, उसे बचाना और उसे महसूस करना कितना ज़रूरी है।
तो आइए, इस संवेदनशील और सुंदर पहल का हिस्सा बनें। अपने घर में एक पक्षी घर लगाएँ, और हर मौसम में बेजुबानों को दें एक सुरक्षित सहारा।

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