• Home
  • रायबरेली
  • टीईटी अनिवार्यता के विरोध में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, पीएम को भेजा गया ज्ञापन

टीईटी अनिवार्यता के विरोध में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, पीएम को भेजा गया ज्ञापन

रायबरेली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य किए जाने के विरोध में प्रदेशभर में शिक्षकों का आक्रोश फूट पड़ा है। सोमवार को रायबरेली समेत पूरे देश के जिलों में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (आरएसएम) के बैनर तले हजारों शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा।रायबरेली में विकास भवन पर जुटे शिक्षकों ने एकजुट होकर केंद्र सरकार से कानून में संशोधन करने की मांग की। शिक्षकों ने साफ कहा कि जो शिक्षक शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) लागू होने से पहले नियुक्त किए गए थे, उनके लिए टीईटी की अनिवार्यता अनुचित है।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश प्राथमिक संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष शिव शंकर सिंह ने कहा कि वर्ष 2011 से पहले नियुक्त किए गए करीब चार लाख शिक्षक उस समय की वैध शैक्षिक योग्यता के आधार पर ही चयनित हुए थे। उन्होंने कहा, “अब जब हम वर्षों से सेवा दे चुके हैं, तो इस उम्र में टीईटी की अनिवार्यता थोपना न सिर्फ अनुचित है बल्कि हमारे सम्मान के खिलाफ है। महासंघ इस लड़ाई को अंत तक लड़ेगा।” जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि यह फैसला विशेष रूप से उन शिक्षकों को प्रभावित कर रहा है, जिनकी उम्र 50 से 55 वर्ष के बीच है। ऐसे शिक्षक वर्षों से सेवा दे रहे हैं और शारीरिक व्याधियों के बावजूद बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब उनके लिए दोबारा परीक्षा की तैयारी करना व्यवहारिक नहीं है। प्रदेश मंत्री डॉ. श्वेता और जिला संगठन मंत्री मधुकर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर यह अभियान चलाया जा रहा है। सोमवार को पूरे देश में एक साथ जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो संगठन अगला कदम उठाने को तैयार है। जिला महामंत्री संजय कनौजिया ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति उस समय की वैध व्यवस्था के तहत हुई थी, अब नई शर्तें लगाकर उन्हें बाहर करना अन्याय है। उन्होंने मांग की कि आरटीई अधिनियम में संशोधन कर पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट दी जाए। इस अवसर पर अटेवा के संयोजक इरफान अहमद, यूटेक के संयोजक अखिलेश सिंह, संरक्षक राजेश शुक्ल, संजय कुमार सिंह, आशुतोष शुक्ल, विजयपाल सिंह, जय करन, बीरेन्द्र बहादुर चौधरी, राजेश मौर्या, हरिमोहन यादव, प्रतिमा सिंह, सुनीता वर्मा, अमित चौहान, शास्वत बाजपेयी, मोहित पटेल, प्रशांत मोहन, अनुराग राठौर, बृजेंद्र सिंह, रणविजय सिंह गंगापारी, चन्द्र प्रकाश वर्मा, अनुराग मिश्रा, आनन्द प्रताप सिंह, मनोज चौधरी, सुशील कुमार शुक्ला, भानु प्रताप सिंह, अवनीश सिंह, विजय वर्मा, अखिलेन्द्र सिंह, यादवेन्द्र प्रताप सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top