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वोट ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता, राहुल गांधी का आरोप गलत : निर्वाचन आयोग

नई दिल्ली | कविता पंत
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ कथित वोट चोरों को संरक्षण देने के आरोपों को निराधार और गलत करार दिया है। आयोग ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। किसी भी वोट को ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता। आम जनता ऐसा नहीं कर सकती जैसा कि राहुल गांधी ने समझा है।
आयोग ने कहा कि वोट डिलीट करने से पहले प्रभावित व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाता है। साल 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में वोट डिलीट करने की कुछ नाकाम कोशिशें हुई थीं। इस मामले में चुनाव आयोग ने खुद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 2018 में अलंद सीट भारतीय जनता पार्टी के सुभाष गुट्टेदार ने जीती थी और 2023 में कांग्रेस के बीआर पाटिल ने जीत हासिल की थी।
आयोग ने स्पष्ट किया कि वोट काटने से पहले पक्ष रखने का मौका मिलता है। यदि किसी का नाम हटाया गया है तो फिर जिला अधीक्षक और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत भेजनी होती है। दरअसल राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि अनजान नंबरों से वोट डिलीट किए गए हैं।
राहुल गांधी ने कर्नाटक की आलंद सीट का उदाहरण देते हुए कहा था कि एक नंबर का इस्तेमाल करते हुए 10 से 12 नंबर डिलीट हुए। वहीं निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति किसी का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटा सकता।
राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 वोटों को हटाने की कोशिश की गई। हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट हटाए गए, लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा थी।
उन्होंने कहा कि ये मामला तब सामने आया जब एक बूथ-स्तरीय अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है। जांच करने पर पता चला कि पड़ोसी के नाम पर वोट हटाया गया। जब उसने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि उसने कोई वोट नहीं हटाया। न तो वोट हटाने वाले को और न ही जिसका वोट हटाया गया, उसे इसकी जानकारी थी। सच में, किसी बाहरी ताकत ने सिस्टम को हैक करके ये वोट हटाए थे।
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र के राजुरा में 6,850 वोटरों को गैरकानूनी तरीके से जोड़ा गया है। आलंद में हमें वोट हटाने के मामले मिले तो राजुरा में वोट जोड़ने के सबूत मिले। लेकिन मूल मुद्दा वही है कि ये सब एक ही सिस्टम के जरिए हो रहा है। ये सिर्फ कर्नाटक या महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी हो रहा है। हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र की हत्या करने वालों और वोट चोरों की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार को ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद करना चाहिए और एक सप्ताह में निर्वाचन आयोग को कर्नाटक की सीआईडी के साथ पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए।
राहुल गांधी का कहना है कि वह लगातार चुनाव आयोग को घेरते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी जो हमने पेश किया है वह हाइड्रोजन बम नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं हर बात पूरी सच्चाई के साथ कहता हूं और दावे के पीछे सबूत का आधार होता है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी टीम से कह चुका हूं कि अच्छे से रिसर्च करें और दावे में सच्चाई होने पर ही मैं मंच पर जाऊंगा।
गौरतलब है कि पहले भी जब राहुल गांधी ने आरोप लगाए थे तो खुद मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपनी पूरी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

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