जोहो आज दुनिया भर में क्लाउड-बेस्ड बिजनेस सॉल्यूशंस के लिए एक भरोसेमंद नाम बन चुकी है। यह कंपनी छोटे से लेकर बड़े उद्यमों तक को डिजिटल टूल्स प्रदान करती है, जिससे वे अपने काम को अधिक आसानी और कुशलता से कर सकें। अपनी कंपनी या बिजनेस को तेजी से बढ़ाने के लिए कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम) सॉफ्टवेयर बहुत जरूरी होता है। जहां सेल्सफोर्स और माइक्रोसॉफ्ट डायनमिक्स जैसे सीआरएम सॉफ्टवेयर कॉरपोरेट और बड़े एंटरप्राइज के लिए दिग्गज और बेहतर विकल्प माने जाते हैं, वहीं जोहो इन दिनों अचानक से चर्चा में आ गया है और इसने यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस, सस्ते प्लान और ऑल-इन-वन बिजनेस सॉल्यूशंस देकर अपनी अलग जगह बना ली है।
जोहो आज तेजी से बढ़ते हर बिजनेस का आधार बन चुका है क्योंकि संभावित ग्राहकों को आकर्षित करने, ग्राहक सेवा बेहतर बनाने और बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनियों को एक बेहतर सीआरएम सिस्टम की तलाश रहती है।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी अब जोहो मेल का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी जोहो को अपना चुके हैं।
जोहो भारतीय मूल की एक टेक्नोलॉजी कंपनी है, जिसका मुख्यालय चेन्नई में है और जो एक व्यापक सॉफ्टवेयर सूट मुहैया कराती है। इसकी शुरुआत 1996 में श्रीधर वेंबू ने की थी। आज इस कंपनी का संभावित निवेश 12.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 1.03 लाख करोड़ रुपये) है। कंपनी खासतौर पर छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए सस्ती और उपयोग में आसान सीआरएम सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है।
ज़ोहो, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस या गूगल वर्कस्पेस जैसा ही एक क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर सूट है। इसमें सेल्स, मार्केटिंग, फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स, आईटी मैनेजमेंट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और कस्टमर सर्विस से जुड़े कई क्लाउड-बेस्ड एप्लिकेशन शामिल हैं। जोहो के 55 से अधिक प्रोडक्ट्स एक-दूसरे के साथ जुड़कर काम करते हैं, जिससे यूजर को एक सम्पूर्ण अनुभव मिलता है। इनमें जोहो सीआरएम, जोहो बुक्स, जोहो मेल, जोहो प्रोजेक्ट्स, जोहो डेस्क जैसे लोकप्रिय टूल्स शामिल हैं।
यह बिक्री और मार्केटिंग से लेकर वित्त, कानूनी और आईटी तथा एनालिटिक्स तक, व्यावसायिक और उत्पादकता संबंधी उपकरण प्रदान करता है। 80 से ज़्यादा ऐप्स के साथ, ज़ोहो को इसके व्यापक उपयोगों के कारण स्विस आर्मी नाइफ की तरह माना जाता है। डिजिटल लीडर और लो-कोड के दिग्गज, नील हॉब्स का मानना है कि ज़ोहो क्रिएटर उनके लिए एक स्विस आर्मी नाइफ है। उनका कहना है कि कैसे उन्होंने ज़ोहो क्रिएटर पर फ़ूड एलर्जेन ट्रैकर्स से लेकर कस्टमाइज़्ड रेस्टोरेंट बुकिंग ऐप्स तक के जटिल ऐप्स बनाए हैं।
इस समय इसका मेसेजिंग एप ‘अरत्तई’ भी काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जिसे दिग्गज अरबपति आनंद महिन्द्रा भी उपयोग में ला रहे हैं। हाल के दिनों में इस एप को लाखों भारतीय उपयोगकर्ताओं ने डाउनलोड किया है। अरत्तई को व्हाट्सएप का विकल्प माना जा रहा है।
अरत्तई नाम तमिल भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है “सामान्य बातचीत”, और इसे रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को आश्वस्त करता है कि उनके डेटा का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा, जबकि व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेटा लक्षित विज्ञापनों के लिए उपयोगकर्ता डेटा साझा करती है ।
जोहो मेल पूरी तरह सुरक्षित और विज्ञापन मुक्त ईमेल सर्विस है। यानी आपके इनबॉक्स में कोई भी विज्ञापन नहीं दिखाई देगा और आपका डेटा पूरी तरह निजी और सुरक्षित है। ईमेल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और डेटा को सुरक्षित रखने की विशेषताएं शामिल हैं, जो इसे कॉर्पोरेट उपयोगकर्ताओं के लिए बेहद विश्वसनीय बनाते हैं। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होने की वजह से दो उपयोगकर्ताओं के बीच होने वाली चैट एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक सुरक्षित रहती है। यानी एप यूजर्स क्या बात कर रहे हैं यह बीच में कोई पता नहीं कर सकता।
एक डिजिटल रिसर्च विशेषज्ञ के मुताबिक दुनिया का एक सबसे बड़ा मोबाइल उपयोगकर्ता देश होने के कारण भारत में रोजाना लोग 7.5 घंटे स्मार्टफोन पर बिताते हैं। ऐसे में कोई भी इनोवेटिव एप बड़ा बदलाव ला सकता है। जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू अरट्टाई को यूपीआई की तरह इंटरऑपरेबल बनाने की बात कर रहे हैं।
ज़ोहो अपने कुछ ऐप्स मुफ़्त में उपलब्ध कराता है, जिनमें अधिकतम तीन उपयोगकर्ताओं के लिए हमेशा ज़ोहो सीआरएम का एक मुफ़्त संस्करण भी शामिल है। बाकी ऐप्स के लिए सब्सक्रिप्शन की आवश्यकता होती है। ज़ोहो अपने प्रतिस्पर्धियों के बीच एक किफायती विकल्प है, जो इसे छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाता है।
जोहो के कुछ प्रमुख क्लाइंट में बड़े नाम अमेजन वेब सर्विस (एडब्ल्यूएस), नेटफ्लिक्स, सुजुकी, आईआईएफएल फाइनेंस, टाटा प्ले, ज़ेरोधा, डीएचएल शामिल हैं। यह लिस्ट बताती है कि जोहो न केवल स्मॉल और मीडियम बिजनेस (एसबीएम) को बल्कि एंटरप्राइज-लेवल क्लाइंट्स को भी सेवाएं दे रहा है।
जोहो अपने किफायती प्राइसिंग प्लान के लिए भी लोकप्रिय है। जोहो जैसे सॉल्यूशंस तेजी से उभर रहे हैं। ये प्लेटफॉर्म न केवल बड़े प्लेयर्स को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि छोटे व्यवसायों को भी डिजिटल बदलाव में मदद कर रहे हैं।
-कविता पंत, (वरिष्ठ पत्रकार)
जोहो- क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर
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