नई दिल्ली: हिंदी की प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘प्रवासी संसार’ के संपादक डॉ. राकेश पांडेय को साहित्य जगत में उनके विशिष्ट योगदान के लिए वागीश्वरी सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें दिल्ली पुस्तक मेला 2025 के अवसर पर शुक्रवार, 8 अगस्त को प्रगति मैदान में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा के कर-कमलों द्वारा प्रदान किया जाएगा। यह आयोजन ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स’, ‘इंडियन रिप्रोग्राफिक राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ एवं ‘ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
अमेठी निवासी डॉ. राकेश पांडेय हिंदी प्रचार-प्रसार, प्रवासी हिंदी लेखन, गांधी चिंतन और भारतीय लोक साहित्य के क्षेत्र में एक चर्चित नाम हैं। वे अनेक विश्व हिंदी सम्मेलनों में अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के विभिन्न देशों में सहभागी रहे हैं। डॉ. पांडेय ने गांधीजी पर तीन महत्वपूर्ण पुस्तकें—‘गांधी और हिंदी’, ‘ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित साहित्य में गांधी’ और ‘गांधी और गिरमिटिया’—लिखी हैं। इसके अतिरिक्त ‘संविधान सभा: भाषाई विमर्श’, ‘उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम-अमेठी’ और कविता संग्रह ‘शब्दों की धूप’ सहित कई अन्य पुस्तकें भी उनकी लेखनी से प्रकाशित हुई हैं।
प्रवासी साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को विशेष रूप से उल्लेखनीय माना जाता है। बनारसीदास चतुर्वेदी के बाद जब इस विधा में एक लंबा सृजनात्मक शून्य आ गया था, तब डॉ. पांडेय ने ‘प्रवासी संसार’ पत्रिका के माध्यम से इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने ‘अवधी लोकनाट्य और हिंदी लोकनाट्य के तुलनात्मक अध्ययन’ पर शोध कार्य किया है और अवध डायस्पोरा की अवधारणा को प्रवासी साहित्य में स्थापित कर एक नया विमर्श प्रारंभ किया।
देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं और दूरदर्शन व आकाशवाणी पर भी वे नियमित रूप से सक्रिय रहे हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा उनकी कृति ‘अवधीलोक में लोक’ को पुरस्कृत किया जा चुका है। समय-समय पर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विभिन्न सम्मान प्राप्त होते रहे हैं।
प्रवासी संसार के संपादक डॉ. राकेश पांडेय को मिलेगा वागीश्वरी सम्मान
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