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वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग का पलटवार, कांग्रेस के दावों को बताया भ्रामक

Pic: Kamal Nain Narang

कमल नैन नारंग: नई दिल्ली। बिहार एसआईआर (स्पेशल इलेक्शन रिव्यू) को लेकर विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मतदाताओं को निशाना बनाने के लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो संविधान के खिलाफ है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार के 7.5 करोड़ मतदाता आयोग के साथ खड़े हैं, और आयोग की साख पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के लिए न कोई पक्ष है और न विपक्ष, सभी राजनीतिक दलों को समान माना जाता है।
ज्ञानेश कुमार ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों का पंजीकरण चुनाव आयोग में ही होता है, इसलिए यह सवाल ही नहीं उठता कि आयोग किसी के साथ भेदभाव करता है। आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर मतदान जरूर करें, क्योंकि यह उनका संवैधानिक अधिकार है। साथ ही उन्होंने मतदाताओं की तस्वीरों को राजनीतिक फायदे के लिए साझा करने पर भी नाराजगी जाहिर की, जो बिना सहमति के किया गया।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के बयानों को खारिज करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो कोलाज साझा किया। इसमें पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त के बयान को दिखाया गया, जिसमें वे कहते हैं कि चुनाव आयोग के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है। इसके बाद राहुल गांधी का वीडियो दिखाया गया, जिसमें वे कहते हैं कि बीजेपी के नेताओं से एफिडेविट नहीं मांगा गया,

लेकिन उनसे मांगा जा रहा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मुख्य चुनाव आयुक्त के बयान “वोट चोरी जैसे शब्द संविधान का अपमान हैं” पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप कौन होते हैं बोलने वाले? चोरी करना बंद कीजिए, हम वोट चोरी कहना बंद कर देंगे।”

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