
नई दिल्ली। Axiom-4 मिशन से लौटने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने भावुक होकर कहा, “भारत आज भी अंतरिक्ष से सारे जहां से अच्छा दिखता है। जय हिंद, जय भारत।” उन्होंने बताया कि उनका मिशन बेहद सफल रहा और तकनीकी उद्देश्यों को पूरी तरह से प्राप्त किया गया।
शुक्ला ने बताया कि अंतरिक्ष मिशनों से जो अनुभव और ज्ञान मिलता है, वह केवल प्रशिक्षण से नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि वहां रहकर जो अतिरिक्त जानकारी मिली है, वह अमूल्य है और भारत के आगामी अंतरिक्ष अभियानों जैसे गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए बेहद उपयोगी होगी। उन्होंने आगे कहा कि अब हम बहुत जल्द अपने कैप्सूल, अपने रॉकेट और अपनी धरती से किसी भारतीय को अंतरिक्ष में भेजेंगे।
20 दिन अंतरिक्ष में बिताने के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि शरीर में कई बदलाव होते हैं और गुरुत्वाकर्षण का आभास लगभग समाप्त हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जमीन पर सीखे गए अनुभव से यह बहुत अलग होता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पृथ्वी विज्ञान और अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह तथा इसरो अध्यक्ष वी नारायणन भी मौजूद थे। तीनों ने एक सामूहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

जितेंद्र सिंह ने कही ये बात
पृथ्वी विज्ञान और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “अंतरिक्ष विभाग लगभग 70 वर्षों से अस्तित्व में है, और आधिकारिक रूप से ISRO की स्थापना 1969 में हुई थी। पिछले कुछ वर्षों में हमने दुनिया के बाकी हिस्सों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों का पालन करना शुरू कर दिया है। हमारे मानक, रणनीति और पैरामीटर वैश्विक हैं। यह पूरी कहानी पहली बार 2018 में शुरू हुई थी। स्वतंत्रता दिवस कुछ ही हफ्तों में होने वाला था। हम सभी ने फैसला किया और एक-दूसरे से मौन रहने का वादा किया ताकि हम लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा कर सकें। आप जानते हैं कि जब पीएम खुद घोषणा करते हैं तो इसका क्या मतलब होता है। वह पहला महत्वपूर्ण अवसर था जब हमने 2018 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री को राष्ट्र के सामने यह घोषणा करते हुए सुना कि अब हम एक भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने के लिए तैयार हैं।”