फ़िरोज़ाबाद। दाऊदयाल महिला महाविद्यालय, फ़िरोज़ाबाद में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व आत्महत्या बचाव सप्ताह के अवसर पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और आत्महत्या की रोकथाम हेतु सार्थक संवाद स्थापित करना था। इस अवसर पर प्रमुख मानसिक रोग विशेषज्ञ एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दुर्ग प्रताप सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि भारत में 19 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के युवा, विशेषकर पुरुष, आत्महत्या के सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं। डॉ. सिंह ने आत्महत्या के कारणों, संकेतों और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने छात्राओं को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सुबह जल्दी उठने, ध्यान व व्यायाम करने, पौष्टिक आहार लेने, पर्याप्त नींद लेने तथा मोबाइल के अति प्रयोग से बचने जैसी दैनिक आदतें अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रेनू वर्मा ने अपने स्वागत भाषण में मानसिक स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय पर चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने डॉ. दुर्ग प्रताप सिंह का पटका पहनाकर व पुष्पगुच्छ भेंट कर हार्दिक स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. नूतन राजपाल ने किया, जबकि संयोजन का कार्य नीतू सिंह ने संभाला। इस आयोजन में स्वास्थ्य एवं प्राथमिक उपचार समिति की सक्रिय भागीदारी रही, जिसमें प्रो. रंजना राजपूत, डॉ. माधवी सिंह, डॉ. निधि गुप्ता, शिखा यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं। डॉ. निधि गुप्ता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में डॉ. शारदा, डॉ. गरिमा सिंह, डॉ. प्रिया, डॉ. अर्चना अग्रवाल, डॉ. ममता अग्रवाल, विनीता सिंह, शिवानी, सरिता शर्मा, पंकज, रामब्रेश, सुमन एवं कल्पना की उपस्थिति एवं सहयोग से कार्यशाला सफल रही।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन
